बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे कैसे: श्री लखबीर सिंह लक्खा का प्रसिद्ध भजन
“बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे कैसे” भजन में जानें बर्बरीक के खाटू श्याम बनने की अद्भुत कहानी।
“बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे कैसे” एक अद्वितीय भजन है जिसे प्रसिद्ध गायक श्री लखबीर सिंह लक्खा ने गाया है। इस भजन में बर्बरीक के खाटू श्याम बनने की कहानी को संगीतमय अंदाज में प्रस्तुत किया गया है, जो सुनने वाले भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव कराता है।
इस भजन में लखबीर सिंह लक्खा बर्बरीक के खाटू श्याम बनने की कथा को गाते हैं। यह भजन बताता है कि कैसे बर्बरीक ने महाभारत युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई थी और कैसे उनकी महान बलिदान ने उन्हें खाटू श्याम के रूप में प्रतिष्ठित किया। गीतकार सुरेश दाधीच और इब्रार अहमद ने भावपूर्ण शब्दों में इस कथा को उकेरा है। इकबाल दरबार का संगीत इस भजन को और भी मधुर बनाता है, जिससे यह भजन सुनने वालों के हृदय को छू जाता है।
बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे कैसे बोल
(Bane Barbarik Khatu Shyam Kaise Kaise Lyrics)
लिए श्री कृष्ण ने इम्तहान कैसे-कैसे
बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे-कैसे
श्याम खाटू वाले के दर पे जो भी जाएगा,
श्याम खाटू वाले के दर पे जो भी जाएगा,
श्याम खाटू वाले के दर पे जो भी जाएगा,
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा…
श्याम खाटू वाले की, ये अमर कहानी है,
शीश दिया गिरधर को, शीश का ये दानी है।
पांडवों का लाडला था, सूर्यवंश का मोती,
पिता का दुलारा था,
मां के आँख की ज्योति।
एक दिन का किस्सा है, मां से वो लगा कहने,
“युद्ध होने वाला है, मैं भी जाऊँगा रण में।”
मां ने अपने बेटे को प्यार से ये समझाया,
“क्या करोगे जाकर तुम? यह ख्याल क्यों आया?”
“युद्ध है महाभारत, आप जानती हैं मां,
ऐसा युद्ध दुनिया में, होगा ना हुआ है मां।”
“मेरी भी तमन्ना है, कुछ कमाल दिखलाऊ,
आप दीजिये आज्ञा, युद्ध क्षेत्र में जाऊ।”
बात सुनके बालक की, मां बहुत ही घबराई,
दे तो दी इजाजत, पर आँख उसकी भर आई।
“जा रहे हो तो जाओ, मां का तुम पे साया है,
सब तुम्हारे अपने हैं, न कोई पराया है।
हारने वाला युद्ध में तेरा….
हारने वाला युद्ध में तेरा, साथ अगर पा जायेगा,
मां का आशीर्वाद है तेरा नाम अमर हो जाएगा।”
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा…
हो चुका था निर्णय ये, कुरुक्षेत्र रणभूमि
साथ देंगे पांडव का तीन लोक के स्वामी
एक तरफ तो पांडव थे, दूजी और थे गौरव
शूरवीर आए थे सब दिखाने को गौरव
किसको फायदा होगा जाने इस लड़ाई से,
क्योंकि लड़ने वाले हैं भाई अपने भाई से
कृष्ण जी ने देखा जब ध्यान से उस बालक को,
पूछने लगे गिरधर आया क्या है करने को
बर्बरीक ने परिचय अपना देके बतलाया
तीन बाण तरकश में, लेके लड़ने में आया
जो हारने लगेगा तब साथ मेरा पाएगा,
एक बाण मारूंगा और वो जीत जाएगा
बात सुनके बालक की कृष्ण जी भी चकराए,
मन ही मन में सोचा के अब परीक्षा ली जाए
बोले कृष्ण जी उससे काम तुम ये कर डालो
काम तुम ये कर डालो…..
वो सामने जो पीपल है,
उसपे तुम नजर डालो
उस पे तुम नजर डालो।।
एक तीर से सारे पत्ते……
एक तीर से सारे पत्ते जो तू भेद गिराए
सबसे वीर महाभारत में फिर तू ही कहलाएगा
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा…
सुमिरन कर शक्ति का, मारा बाण बालक ने
पींद सारे पत्तों को आया बाण चरणों में,
कृष्ण जी ने घबरा कर पैर को हटाया तब,
पैर के तले पत्ता उसको भेद डाला जब
हो गया सफल बालक वीर माना जाएगा
तुझसे लेगा टक्कर कर जो, क्षण में मारा जाएगा
वीर तो बहुत होंगे, दानी होना मुश्किल है
तेरे जैसा दुनिया में सानी होना मुश्किल है
वीर महावीर है तू इतना मान दे मुझको
दानी तुझको मानूंगा शीश दान दे मुझको
सोच कर मैं आया था, हिस्सा युद्ध में लूंगा
शीश भले कट जाए युद्ध अवश्य देखूंगा
इतना कह के बालक ने, काट डाला गर्दन को
शीश हाथ में रखकर, भेंट किया गिरधर को
माजरा ये देखा तो कृष्ण जी भी चकराए..
कृष्ण जी भी चकराए..
हाथ सर पे बालक के रख के श्याम फरमाए
रख के श्याम फरमाए..
सच्चा है वरदान ये मेरा….
सच्चा है वरदान ये मेरा, जो ना खाली जाएगा
कलयुग में तू नाम से मेरे घर घर पूजा जाएगा
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
जय श्री श्याम को जपने वाला भवसागर तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा,
तर जाएगा, तर जाएगा…
श्याम खाटू वाले के, दर पे जो भी जाएगा
श्याम खाटू वाले के, दर पे जो भी जाएगा
जय श्री श्याम को जपने वाला, भवसागर तर जाएगा
जय श्री श्याम को जपने वाला, भवसागर तर जाएगा…
जय श्री श्याम को जपने वाला, भवसागर तर जाएगा
जय श्री श्याम को जपने वाला, भवसागर तर जाएगा…
भजन सुनने के फायदे
खाटू श्याम के भजन सुनने से मन को शांति मिलती है और आध्यात्मिक बल मिलता है। यह भजन भक्तों के जीवन में सकारात्मकता और उत्साह भरता है। इसके माध्यम से भक्त खाटू श्याम की भक्ति में लीन हो सकते हैं और अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
“बने बर्बरीक खाटू श्याम कैसे कैसे” भजन खाटू श्याम के भक्तों के लिए एक अमूल्य उपहार है। श्री लखबीर सिंह लक्खा की मधुर आवाज और संगीत की ताल से यह भजन हर किसी के दिल को छू जाता है। खाटू श्याम का इतिहास और उनकी महिमा इस भजन के माध्यम से जीवंत हो उठती है।