फ़ैसला दरबार का – राज पारीक
सुनिए “फ़ैसला दरबार का” भजन राज पारीक की सुरीली आवाज़ में, संगीत शिवा मलिक और बोल बनवारी जी द्वारा।
फ़ैसला दरबार का भजन, जिसे राज पारीक (Raj Pareek) जी ने अपनी मधुर आवाज़ में गाया है, एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। शिवा मलिक (Shiva Malik) द्वारा दिए गए संगीत में ऐसा माधुर्य है जो दिल को छू जाता है, और इसके बोल बनवारी जी (Banwari Ji) द्वारा लिखे गए हैं, जो सीधे भगवान के प्रति श्रद्धा का भाव जगाते हैं।
भजन “फ़ैसला दरबार का” भगवान के दरबार में न्याय, भक्तों की सच्ची भक्ति और भगवान की असीम कृपा को दर्शाता है। इस भजन के बोल भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गहन प्रेम और समर्पण को प्रकट करते हैं। इसमें यह संदेश है कि भगवान के दरबार में सबका फैसला न्याय के आधार पर होता है और उनके भक्तों का प्रेम और आस्था ही सबसे बड़ी शक्ति होती है।
भजन के बोल:
फ़ैसला दरबार का, संवारे सरकार का
मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है
हमने देखी तेरी अदालत, चलती नहीं किसी की वकालत,
ये दर इंसाफ़ का, संवारे सरकार का,
मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है
जबसे हमने तुमको माना, तेरी शक्ति को पहचाना,
तू है मसीहा आज का, संवारे सरकार का,
मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है
तेरी मर्जी, मेरी मर्जी, हमको परवाह नहीं किसी की,
ये है रिश्ता प्यार का, संवारे सरकार का,
मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है
हमको तेरी शरण रहना है, बनवारी फिर क्या करना है,
मैं हूँ सेवक आपका, संवारे सरकार का,
मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है, मंज़ूर है