तीन बाण के धारी तीनो बाण चलाओ ना
छोटू सिंह रावणा द्वारा गाया गया “तीन बाण के धारी” एक मधुर श्याम भजन है, जो खाटू श्याम जी की महिमा का वर्णन करता है।
“तीन बाण के धारी” एक बेहद मधुर और भावपूर्ण श्याम भजन है, जिसे छोटे सिंह रावणा ने अपनी सुरीली आवाज़ में गाया है। यह भजन खाटू श्याम जी की महिमा और उनके असीम कृपा को समर्पित है।
संगीतकार Parmen @ Arrow Music ने इस भजन के लिए अत्यंत मनमोहक संगीत तैयार किया है, जो श्रोता को भक्ति की गहराई में डुबो देता है। इस भजन के गीतकार भी छोटू सिंह रावणा ही हैं, जिन्होंने बड़ी सादगी और भक्ति के भाव से इन शब्दों को पिरोया है।
भजन की अवधि 7 मिनट 45 सेकंड है, जो भक्तों को श्याम जी के चरणों में ध्यान लगाने के लिए पर्याप्त समय देता है।
यह भजन उन लोगों के लिए एक अद्भुत भक्ति संगीत है, जो श्याम जी की महिमा का गुणगान करना चाहते हैं।
तीन बाण के धारी भजन के बोल (Lyrics):
अंधेरो की नगरी से,
कैसे मैं पार जाऊं,
श्याम अब लेने आजा,
हौसला हार ना जाऊं,
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना,
हारे के सहारे मेरे हारे के सहारे,
हारे के सहारे,
मेरी हार हराओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
तूफानों ने घेर लिया,
मुझे राह नजर ना आवे,
तुम बिन कौन मेरा जो,
मेरी बांह पकड़ ले जावे,
भटक रहा राहों में,
बाबा पार लगाओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
किसको रिश्ते गिनवाऊँ,
किसे जात बताऊँ मैं,
क्या क्या जख्म दिए जग ने,
किसे घात दिखाऊं मैं
बिन कुछ पूछे श्याम हमारा,
कष्ट मिटाओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
अनजानी नगरी में सब,
अनजाने लगते है,
हम तो तेरी याद में,
रो रो रातें जगते है,
बहता इन आँखों से बाबा,
नीर थमाओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
कृष्ण को जिसने दान दिया,
उस दानी के आगे,
हमने सुना तेरी नाम लिए से,
संकट सब भागे,
छोटू की विपदा को बाबा
आग लगाओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।
तीन बाण के धारी,
तीनो बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना,
हारे के सहारे मेरे हारे के सहारे,
हारे के सहारे,
मेरी हार हराओ ना,
तींन बाण के धारी,
तीनों बाण चलाओ ना,
मुश्किल में है दास तेरा,
अब जल्दी आओ ना।।