श्री खाटू श्याम जी के विविध नाम और उनकी महिमा
खाटू श्याम जी को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे बर्बरीक, मोरवीनंदन और हारे का सहारा। हर नाम के पीछे एक अद्वितीय कथा है।
श्री खाटू श्याम जी का नाम सुनते ही भक्तों के दिलों में असीम भक्ति और श्रद्धा का संचार होता है। खाटू श्याम जी, जो भगवान विष्णु के कलयुगी अवतार माने जाते हैं, उनके जीवन और उनके नामों के पीछे छिपी कहानियाँ बेहद रोचक और प्रेरणादायक हैं। आइए जानते हैं उनके विभिन्न नामों और उनसे जुड़ी कथाओं के बारे में।
1. बर्बरीक: खाटू श्याम का बचपन
श्री खाटू श्याम जी का बचपन का नाम बर्बरीक था। यह नाम उन्हें उनके माता-पिता द्वारा दिया गया था। बर्बरीक के माता का नाम मोरवी था, जो बहुत ही धार्मिक और भक्तिमान थीं। कृष्ण द्वारा श्याम नाम दिए जाने से पहले, उनकी माता और रिश्तेदार उन्हें इसी नाम से पुकारते थे।
2. मोरवीनंदन: माता का गर्व (मोरवी का पुत्र)
मोरवीनंदन नाम, बर्बरीक के माता मोरवी के प्रति स्नेह और सम्मान को दर्शाता है। “मोरवी“, बर्बरीक की माता का नाम था और “नंदन” का अर्थ पुत्र होता है, अतः उन्हें यह नाम दिया गया। यह नाम उनके मातृत्व प्रेम को सम्मानित करता है और उनके माँ के साथ गहरे संबंध को भी दर्शाता है।
3. शीश के दानी: अद्वितीय बलिदान
महाभारत युद्ध के दौरान बर्बरीक ने अपनी भक्ति और त्याग की मिसाल पेश की थी। श्रीकृष्ण के कहने पर उन्होंने अपना शीश दान कर दिया था। इस महान बलिदान के कारण उन्हें शीश के दानी के नाम से जाना गया। उनका यह बलिदान उन्हें अमर बना गया और भक्तों के हृदय में सदा के लिए बस गया।
4. हारे का सहारा: कमजोरों का साथी
बर्बरीक ने अपनी माँ की सलाह पर यह संकल्प लिया था कि वे हमेशा कमजोर और हार रहे लोगों का साथ देंगे। इसी कारण उन्हें हारे का सहारा कहा जाता है। यह नाम उनकी करुणा और न्यायप्रियता को दर्शाता है। वे हमेशा अपने भक्तों की कठिनाइयों में उनका सहारा बनते हैं।
5. तीन बाण धारी: तीन अचूक बाणों के धारक (शिव का वरदान)
बर्बरीक भगवान शिव के परम भक्त थे और उन्होंने भगवान शिव से तीन अचूक बाणों का वरदान प्राप्त किया था। ये बाण इतने शक्तिशाली थे कि पूरे ब्रह्मांड को नष्ट करने में सक्षम थे। इस कारण उन्हें तीन बाण धारी कहा जाता है। यह नाम उनकी शक्ति और उनकी दिव्यता को प्रकट करता है।
6. लाखा-दातारी (लखदातार): उदार दाता
श्री खाटू श्याम जी को लाखा-दातारी/लखदातार के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ है कि वे अपने भक्तों की सभी आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करने में कभी संकोच नहीं करते। यह नाम उनकी उदारता, दयालुता और दानशीलता को दर्शाता है।
यह भी पड़े: लखदातार का अर्थ
7. लीला के असवार: नीले घोड़े के सवार
लीला के असवार नाम उनके नीले रंग के घोड़े से संबंधित है। उनके घोड़े का नाम लीला है, जो उन्हें युद्ध और अन्य धार्मिक कार्यों में सहारा देता था। कई लोग इसे नीला घोड़ा या “नीला घोड़ा” कहते हैं।
8. खाटू नरेश: खाटू के राजा
श्री खाटू श्याम जी को खाटू नरेश भी कहा जाता है। वे खाटू और पूरे ब्रह्मांड पर शासन करते हैं। यह नाम उनकी सर्वशक्तिमानता और उनके आध्यात्मिक शासन को दर्शाता है।
9. कलयुग के अवतारी: कलयुग के रक्षक
भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, श्री खाटू श्याम जी कलयुग में अच्छे लोगों को बचाने के लिए अवतरित होंगे। इसलिए उन्हें कलयुग के अवतारी कहा जाता है। यह नाम उनकी भविष्यवाणी और उनके कल्याणकारी रूप को प्रकट करता है।
10. श्याम प्यारे: प्रेममय ईश्वर
श्याम प्यारे का अर्थ है वह ईश्वर जो सभी से प्रेम करता है और सभी उससे प्रेम करते हैं। यह नाम भक्त और भगवान के बीच के निष्काम प्रेम को दर्शाता है।
11. बलिया देव: बलिदान के देवता
महाभारत युद्ध से पहले, बर्बरीक ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना शीश बलिदान कर दिया था। इस कारण उन्हें बलिया देव के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम उनके सर्वोच्च बलिदान और उनकी भक्ति को प्रकट करता है।
12. विष्णु अवतारी: विष्णु का अवतार
श्री खाटू श्याम जी को भगवान विष्णु का दसवां अवतार माना जाता है। यह नाम उनकी दिव्यता और उनके परमात्मा स्वरूप को दर्शाता है।
श्री खाटू श्याम जी के ये विभिन्न नाम उनकी अद्वितीयता, महानता और दिव्यता को प्रस्तुत करते हैं। हर नाम के पीछे छुपी हुई कथा और महत्व हमें उनकी महिमा और पराक्रम का एहसास कराते हैं। भक्तों के लिए ये नाम केवल संबोधन नहीं, बल्कि उनकी आस्था और विश्वास का प्रतीक हैं। श्री खाटू श्याम जी की महिमा अनंत है और उनके भक्त हमेशा उनके प्रेम और आशीर्वाद की छाया में रहते हैं।
One reply on “श्री खाटू श्याम जी के विविध नाम और उनकी महिमा”
[…] […]